“तू मुझे जीवन का रास्ता दिखायेगा ; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है।” भजन संहिता 16ः11
जीवन का रास्ता
आदतन हम ईश्वर से अलग रहते हैं और हम उसकी उपस्थिति से बचते हैं जो में जीवन का मार्ग दिखा सकता है और आनंद की परिपूर्णता प्रदान कर सकताहै।
![जीवन का रास्ता](https://mahasoe.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG_20231005_061658.jpg)
इसका परिणाम यह होता है कि हमारे पास स्पष्टता की कमी है और हम एक भ्रमित और अनावश्यक (फालतु) जीवन जीते हैं।
यह समय है जब हमें वास्तविकता से परिचित होने के लिए उस अदृश्य महाशक्ति के प्रति अपनी धारणा और दृष्टिकोण को बदल देना चाहिये ताकि हमारी भ्रमित मनःस्थिति और व्याकुलता समाप्त हो जाए।