अनुग्रह के सिंहासन

“क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके, वरन वह सब बातों में हमारे समान परखा गया तौभी निष्पाप निकला। इसलिये आओ हम अनुग्रह के सिंहासन के पास हियाव बांधकर चलें कि हम पर दया हो और वह अनुग्रह पायें

जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।” इब्रानियों 4:15 – 16

अनुग्रह के सिंहासन

हमें आभारी होना चाहिए कि वह जो क्षमा का वादा करता है, और अनुग्रह प्रदान करता है, वह ऐसा करने के लिए योग्य है, जिसकी विश्वसनीयता उसके अपने व्यक्तिगत अनुभव से स्थापित होती है कि वह देह बनता है और हमारे बीच निवास करता है।

अनुग्रह के सिंहासन

चूंकि उसने स्वयं प्रलोभनों का सामना किया और उन पर विजय प्राप्त की, इसलिए सौदे में धोखा खाने की हमारी संभावना कम हो जाती है।

आइए हम आश्वस्त हों कि जिस मसीह में हम विश्वास करते हैं और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते हैं वह वास्तव में मसीहा है, जो अब परमेश्वर के दाहिने हाथ पर बैठा है।

पाठ :- यहेजकेल 5, भजनसंहिता 38, 1 कुरिन्थियों 6:12 से अन्त तक